गणेश स्तुति
हे गौरी सुत हे प्रभो गणपति हे अष्ठसिद्धि पते
हे स्वामी गजवक्त्र हे गुणनिधान् हे ऋद्धिबुद्धि पते ॥
हे लम्बोदर एकदन्त बिजुली झैं क्या चलाख लेखन्या
सारा दुःख सबै बढारी दिनुहोस मेरा उपर दुःख दिन्या ॥
सूर्य स्तुति
हे राजा ग्रहका पिताजी यमका हे अन्धकारका अरी
हे छायापति हे शनिश्चर पिता को छन् हजुरका सरी ॥
हे श्रीसूर्य जगतभरी घुमीघुमी सबको बिचार गर्दिन्या
सारा रोगहरु नाश गरिदिनोस मेरा उपर दुःख दिन्या ॥
देवी स्तुति
हे देवी दुःख नाशिनी भगवती हे बिष्णुमाया रमा
हे नारायणी शारदे गिरिसुते दृष्टि दिनुहोस ममा ॥
हे दुर्गे सब देबताकी जननी हे आद्यशक्ति मता
पाउ पर्छु मलाई सिद्धि दिनुहोस् सेवक हुँ जाउँ कता ॥
शिव स्तुति
हे शम्भु शिव हे सती पति सदा शिरमाथि गंगा लिन्या
योगी हे हरिभक्त भक्तहरुका सन्ताप सबनाशन्या ॥
हे शिरमा शशि लाउन्या मृग लिन्या तीन नेत्रले शोभिन्या
हे निर्बाण अनन्त सेवक महु ज्ञान बक्सियोस स्थिर हुन्या ॥
विष्णु स्तुति
हे बिष्णु करुणानिधे हरघडि लक्ष्मी सँगैमा लिन्या
हे बिश्वम्बरहे हरि नरहरि हेभक्तिले देखिन्या ॥
हे राधा पति रक्मिणी पति प्रभु हे जानकीका पति
मेरा दुःख सबै बढारी दिनुहोस बक्सिस् मिलोस् सुख जति ॥